पृष्ठ

रविवार, 14 मार्च 2010

राजस्थानी भाषा की मान्यता के लिए विद्यार्थी आगे आये

एक और जहाँ समूचे राजस्थान में राजस्थानी भाषा की मान्यता के लिए राजस्थानी आन्दोलनरत है वहीं अब स्कूली बच्चों ने भी आन्दोलन के इस यज्ञ में आहुति दे दी है! इसका उदाहरण है नोहर में परलिका गाँव की पूनम--! पूनम को यकीं है की एक दिन उसका ये प्रयास रंग लायेगा!
मायाड भाषा की मान्यता के लिए अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति के प्रयास काफी जोर शोर से चल रहे है! इन्ही प्रयासों से प्रेरणा लेकर नोहर में परलिका गाँव की पूनम ने भी मायाड भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किए जाने की अलख जगा दी है! पूनम परलिका गाँव के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय की कक्षा 12 की छात्रा है! पढ़ाई के साथ साथ वह न केवल राजस्थानी साहित्य को कंठस्थ करने में लगी है वल्कि कई राजस्थानी कवियों की रचनाएँ उसे कंठस्थ भी है! पूनम का मानना है की वह हर एक स्कूली बच्चे के लिए प्रेरणा स्त्रोत बनकर राजस्थानी भाषा की मान्यता के लिए चल रहे संघर्ष में सहयोग का आह्वान करेगी!
पूनम के इन प्रयाशों से उसके अभिभावक ही नही शिक्षक और यहाँ तक की राजस्थानी साहित्य की धरोहर समझे जाने वाला समूचा परलिका गाँव भी अभिभूत है! पूनम के इन प्रयासों में साहित्यकार और शिक्षक हर कोई पुरा सहयोग कर रहे है! सभी का मानना है की राजस्थानी भाषा की मान्यता में अखिल राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति के प्रयासों के साथ साथ उच्च माध्यमिक स्कुल की इस छात्रा की मेहनत भी रंग लाएगी!
संविधान में क्षेत्रीय भाषाओँ के लिए बने आठवें अनुछेद में राजस्थानी भाषा को शामिल कर उसे मायाड भाषा का दर्जा दिलाने के लिए अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति पिछले लंबे अरसे से प्रयासरत है! समिति के ये प्रयास अब मान्यता के करीब पहुँच चुके है ऐसे में पूनम और इससे प्रेरणा लेकर भाषा की मान्यता का अलख जगाने वाले स्कूली बच्चों के प्रयास रंग लायेंगे इसमे कोइसंदेह नहीं राजस्थानी भाषा के liye गाँव के विद्यार्थियों ने राजनीती से jude लोगो को भी चेता दिया है की आपको वोट भी तभी मिलेंगे जब पहेले राजस्थानी भाषा को मान्यता मिलेगी गुाम नबी!

2 टिप्‍पणियां:

  1. गुलाम नबी जी
    खम्मा घणी,
    मैं आप रो सागे हूँ और राजस्थानी रो हिमायती भी हूँ. आप रो ब्लॉग पेली बार देख्यो है आच्छो लाग्यो. आप ने आखर कलश खानी सू मोकली मोकली बधाई ,
    आभार

    जवाब देंहटाएं