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रविवार, 14 मार्च 2010

विज्ञानं को सलाम

छोटी सी उम्र में उसने ऐसे ऐसे अविष्कार किये है जिसे देख कोई भी दांतों तले ऊँगली दबा ले....
प्रस्तुत है गुलाम नबी की रिपोर्ट.....

1 टिप्पणी:

  1. वाह भई नबी,
    दो ई दिना मेँ कांच आळे मंझै सूं ऊंचा-ऊंचा ढेरिया लड़ावण लाग गियो! म्हारो सूत्तो तो कटग्यो समझो! बढ़िया है!
    -ओम पुरोहित'कागद' omkagad.blogspot.com

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